बहरेलिया भारतीय राजपूत जाती में पाए जाने वाला एक गोत्र है, जिसका अवध सूरजपुर बहरेला क्षेत्र बाराबंकी उत्तर प्रदेश के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है। बहरेलिया शब्द की उपत्ती बहरेला गांव से हुई , तत्कालीन समय मे जौर खाँ को पराजित कर बलराम सिंह सिसोदिया और ब्रह्म शाह सिसोदिया जी ने आधिपत्य कर लिया और उसी गांव के आधार पर बहरेलिया शब्द प्रचलन में आया।
यहा बसने के कारण ब्रह्म शाह सिसौदिया और बलराम सिंह सिसोदिया के वंशज बहरेलिया कहलाए।
बहरेलिया राजपूत भी अन्य राजपूतों की तरह सूर्यवंशी सिसौदिया होने का दावा करते हैं।
बहरेलिया राजपूत सूरजपुर बहरेला अवध के शासक थे ,
बहरेलिया सिसौदिया वंश और त्रिलोकचंदी बैस वंश दोनों जातियों के संबंध अच्छे रहे है , क्योकी जब बलराम सिंह सिसोदिया और ब्रह्म शाह सिसौदिया जी बहरेला युध्द के लिये जा रहे थे।
तो रास्ते मे इटावा जिला गांव गाहौमूंज के त्रिलोकचंदी गुहमदेव जी बैस के वंशज बन्नार शाह बैस जिन्होने 1540 मे शेर शाह सूरी के साथ हुमायूँ के खिलाफ युध्द लडा था।
और शाह की उपाधि पाई थी। बन्नार शाह बैस जी भी अपनी एक टुकडी सेना लेकर ब्रह्म शाह जी और बलराम सिंह सिसोदिया जी के साथ चल दिये। और सूरजपुर बहरेला के युध्द मे जीत हुई। इसी वजह से बलराम सिंह सिसोदिया और ब्रह्म शाह जी ने बैस राजपूतो को भी बहरेलिया बैस की उपाधि दी थी।
बलराम सिंह सिसोदिया ने इनको अपने भाई का द्रजा दिया था। , बहरेलिया और बैस अवध के प्राचीन शासकों में से एक थे , दर्शल इस प्रथा के पीछे बहरेलिया और बैस में एकता बनाए रखना था। ब्रह्म शाह सिसौदिया जी की पत्नी यानी हमारी माँ बैस राजपूत थीं। उनका गोत्र भारद्वाज और रितिरिवाज बहरेलिया राजपूतो ने अपनाये। (क्योकी मेवाड़ के रितिरिवाज वाले पुरोहित नही होना अवध मे) इसी कारण बहरेलिया वंश को बैस की गोद और सिसोदिया की उपजाती कहा गया।
इसका उल्लेख एक बहुत पुरानी वंशावली मे मिलता है।
पुरानी क्षत्रिय या राजपूत वंशावली मै उल्लेख है और कही कही इनको बिछडे बन्धु मै बताया है जैसे ठाकुर ईश्वर सिंह मढाड की राजपूत वंशावली, ठाकुर बहादुर सिंह बीरदास की राजपूत वंशावली, और श्री रघुनाथ सिंह कालीपहाडी राजवंश, ठाकुर रुद्र सिंह तोमर रुद्र क्षत्रिय प्रकाश,भगवानदीन सिंह क्षत्रिय वंशार्णव एवं क्षत्रिय दिर्गदर्सक, पण्डित गोरी शंकर ओझा कर्त राजपूत वंशावली आदी बहरेलिया सिसोदिया राजपूत का उल्लेख है: -
गोत्र - भारद्वाज, वंश - बैस की गोद (सिसोदिया),
मुलवंस - सूर्यवंश,- वेद - यजुर्वेद,-उपवेद -धनुर्वेद,
कुलदेवी - बाणेश्वरी (बाणमाता), कुलदेव - शिव जी,श्री सूर्यनारायण
इष्टदेव-श्री एकलिंग नाथ जी -सूत्र - कात्यायन,- ऋषी -वशिष्ठ,- शाख - माध्यंन्दिनी, प्रवर - वशिष्ठ,- शिखा - दोहिन,- पाद - दाहिन,
देवता -कात्यायन,-शाखा - बहरेला सिसोदिया
तालुका - सूरजपुर बहरेला , जिला - बाराबंकी और रायबरेली (अब सुल्तानपुर, प्रतापगढ़,अमेठी और फैजाबाद आदि उत्तर प्रदेश मे पाए जाते है।
Jai maa bhawani
ReplyDeleteJai Rajputana
जय राजपुताना 🙏जय माँ भावानि भाई जी
Deleteठाकुर राजन प्रताप सिंह जय मां भवानी जय श्री राम जय राजपूताना
ReplyDeleteजय राजपुताना 🙏जय माँ भावानि
Deleteजय राजपूताना, जय महाराणा प्रताप
ReplyDeleteआकाश सिंह सिसोदिया
ग्राम व पोस्ट- दांदूपुर
तहसील- राम सनेही घाट
जिला- बाराबंकी
हथौन्धा स्टेट-बाराबंकी उप्र
जय राजपुताना 🙏जय माँ भावानी
DeleteVry good
ReplyDeleteधन्यवाद भाई जी
Deleteधन्यवाद भाई
ReplyDeleteजय राजपुतना जय मां भवानी
जय राजपुताना 🙏जय माँ भवानी
Deleteबहुत अच्छी जानकारी है
ReplyDeleteजय माँ भवानी जय राजपुताना
धन्यवाद जी जय राजपुताना 🙏जय माँ भवानी
DeleteJai Rajputana
ReplyDeleteजय राजपुताना 🙏जय माँ भवानी
DeleteRajesh singh sisodiya jila amethi tiloi
ReplyDelete🙏🙏ok भाई जी अपना नम्बर दिजीये
DeleteJai rajputana 🦁🐅 jai maa bhawani 🦁🦁🦁 Jai maharana pratap 🚩⚔️🚩⚔️🚩⚔️🚩
ReplyDeleteजय राजपुताना जय माँ भवानी
DeleteItunja ke parmar(panwar) hoga
ReplyDeleteजी
Deleteजय जय राजपूताना सिसोदिया वंश
ReplyDeleteजय राजपुताना
Deleteजय मां भवानी जय राजपूताना जय महाराणा प्रताप जय सिसोदिया वंश
DeleteVery important information but only by making relation with each other unity can be established
ReplyDeleteJai ma bhawani
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